सिंगरौली - डॉक्टर आशीष पांडेय को जिला अस्पताल से हटाकर माडा़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया- कार्रवाई महज दिखावा


सिंगरौली की आवाज वेबडेस्क


मंगलवार 19 मई 2020


जिला अस्पताल में 30 अप्रैल को संपत उपाध्याय की लापरवाही से मौत के मामले में तमाम विवादों के बाद डॉ आशीष पांडेय को जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर से हटा दिया गया है घटना के दिन ही आनन-फानन में क्लीन चिट देने वाला जिला प्रशासन अपने ही बयान को बदलते हुए माना है कि संपत उपाध्याय की सर्पदंश के कारण 30 अप्रैल को जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 


सहायक कलेक्टर संघप्रिय ने 1 हफ्ते में कलेक्टर को सौंपी थी जांच रिपोर्ट


इस पूरे मामले में 30 अप्रैल को यानी संपत उपाध्याय की मौत के दिन से ही सहायक कलेक्टर जांच में लगे थे लेकिन जांच अधिकारी सहायक कलेक्टर संघप्रिय का कहना था कि जांच में ऐसे कोई तथ्य नहीं मिलता है जिसमें कार्रवाई हो सके सीएमएचओ आरपी पटेल एवं आरएमओ डॉ उमेश सिंह ने सहायक कलेक्टर को गुमराह करते हुए गलत रिपोर्ट तैयार कराई इस बीच तब और खलबली मच गई जब डॉ आशीष पांडेय का ऑडियो बीजेपी नेता संदीप चौबे से बातचीत करते हुए  वायरल हुआ जिसमें संदीप चौबे दवाई की उपलब्धता को लेकर के डॉ आशीष पांडेय से बात कर रहे थे लेकिन डॉक्टर पांडेय का कहना था कि दवाई अपने अस्पताल में है ही नहीं इसी को आधार मानकर डॉ आशीष पांडेय को महज दिखावा के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माडा़ में भेजा गया है जबकि सहायक कलेक्टर ने फिर से आधा अधूरा जांच करके 1 हफ्ते में रिपोर्ट कलेक्टर केवीएस चौधरी को सौंप दी।


वार्ड इंचार्ज,मैट्रन, और सिविल सर्जन की भी दवा सुनिश्चित करने की थी जिम्मेदारी


अस्पताल में कौन सी दवा है कौन सी दवा नहीं है इसकी जिम्मेदारी सिर्फ डॉ आशीष पांडेय की ही नहीं हो सकती क्योंकि मरीज की स्थिति देखकर उन्होंने तत्काल दवाई लिखा था दवाई सुनिश्चित करना मेट्रन, वार्ड इंचार्ज के अलावा सिविल सर्जन आरपी पटेल की भी थी जो अस्पताल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भी है कार्रवाई भी अब उन्हीं को करना है जो स्वयं मामले के जिम्मेदार हैं क्योंकि सिविल सर्जन होने के नाते दवाई सुनिश्चित कराना उनकी जिम्मेदारी थी तो दूसरी तरफ सीएमएचओ होने के नाते सिविल सर्जन पर कार्रवाई करना उनका फर्ज है दोनों ही वे स्वयं है तो भला अपने ऊपर कोई क्यों कार्रवाई करेंगा, लिहाजा सिविल सर्जन ना तो अपनी गलती मान रहे हैं ना तो अपनों की गलती मान रहे हैं वे स्वयं को और अपने चहेतों को बचाने के लिए तरह तरह के उपाय कर रहे है, लेकिन सच्चाई सामने आने के बाद कोई तथ्य अब छुपा नहीं है इस पूरे मामले में सिंगरौली की आवाज न्यूज जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से मांग करती है कि बिना किसी पक्षपात किए पुनः निष्पक्षता से जांच कर सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें और ऐसा उदाहरण प्रस्तुत हो जिससे लगातार हो रही लापरवाही से मौतों पर तत्काल अंकुश लगाया जा सके और जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में फौरन इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।